ई. सन् 2016 में पितृ पक्ष में श्राद्ध - (आश्चिन कृष्ण पक्ष - श्राद्ध तिथियाँ)

सोमवार, जनवरी 25, 2016 0 Comments A+ a-

अपने पूर्वजो, पितरों के प्रति श्रद्धा भावना रखते हुए पितृ - तर्पण एवं श्राद्ध कर्म करना नितान्त आवश्यक हैं। इससे स्वास्थ्य ,समृद्धि ,आयु और सुख शांति की प्राप्ति होती हैं। चतुर्दशी तिथी को केवल विष ,दुर्धटना आदि (अपमृत्यु), शस्त्र आदि से मृतकों का श्राद्ध होता हैं। उनकी मृत्यु चाहे किसी भी अन्य तिथि को हुई हो , चतुर्दशी तिथि में सामान्य मृत्यु वालों का श्राद्ध अमावस्या तिथि को करने का शास्त्रो मे विधान हैं, जिनकी मृत्यु की तिथी का ज्ञान (पता) न हों उनका भी श्राद्ध अमावस्या तिथी मे करने का विधान हैं।


सन् 2016 में श्राद्ध की तिथियाँ


श्राद्ध दिनांक
प्रोष्ठ पदी / पूर्णिमा का श्राद्ध 16 सितम्बर शुक्रवार
प्रतिपदा ( एकम) का श्राद्ध 17 सितम्बर शनिवार
द्वितीया (दुज) का श्राद्घ 18 सितम्बर रविवार
प्रोष्ठ पदी / पूर्णिमा का श्राद्ध 16 सितम्बर शुक्रवार
तृतीया ( तीज ) का श्राद्ध 19 सितम्बर सोमवार
चतुर्थी ( चौथ ) का श्राद्घ 19 सितम्बर सोमवार
पंचमी (पंचमी) का श्राद्ध 20 सितम्बर मंगलवार
षष्ठी (छ्ठ) का श्राद्ध 21 सितम्बर बुधवार
सप्तमी (सतमी) का श्राद्ध 22 सितम्बर गुरुवार
अष्टमी (आठम) का श्राद्ध 23 सितम्बर शुक्रवार
नवमी (सौभाग्यवती का) का श्राद्ध 24 सितम्बर शनिवार
दसमी (दसमी) का श्राद्ध 25 सितम्बर रविवार
एकादशी (ग्यारस ) का श्राद्ध 26 सितम्बर सोमवार
द्वादशी (बारस/ संन्यासियों का) का श्राद्ध 27 सितम्बर मंगलवार
त्रयोदशी (तेरस) का श्राद्ध 28 सितम्बर बुधवार
चतुर्दशी (चौदस) का श्राद्ध 29 सितम्बर गुरुवार
अमावस्या (अमावस / अज्ञात तिथी वाले का) श्राद्ध 30 सिक्लम्बर शुक्रवार
सर्वपितृ (सभी पितरों का) श्राद्ध 30 सितम्बर शुक्रवार

तृतीया और चतुर्थी का श्राद्ध एक ही दिन किया जावेगा क्योंकि चतुर्थी तिथि 19 सिक्तम्बर को अपराह्ण को कुछ समय तक व्याप्त है जबकि 20 सिक्तम्बर को चतुर्थी तिथि अपराह्ण काल को बिल्कुल भी स्पर्श नही कर रही हैं ।